चिडिया रानी चिडिया रानी छोटी हो पर बडी सयानी।
तुमको कोई पकड ना पाया पीती हो उड उडकर पानी।
उडती हो तुम नील गगन मे।
तुम सा कोई नही चमन मे।
मटरगस्तियाँ करती हो तुम।
लगती हो जैसे दीवानी।
खाती हो तुम इस डाली पे।
जाती हो तुम उस डाली पे।
तुमने की इंसान से सोहबत।
तुम मे भी आ गयी बेमानी।
पिजडे मे तुम बँधी रही हो।
उड जाने को सधी रही हो।
खुले अगर गलती से पिजडा।
उड जाना बनकर तुफानी।
'शिव'
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