Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

देशगीत

 

लडकीयोँ के प्यार मे खुद को मिटाना छोड दे।
हिन्द का फौजी है गर तो सर झुकाना छोड दे।

 

तु अगर है भारतीय तो इस वतन से प्यार कर।
परियाँ मिल जायेगीँ तुझको देश पर जाँ वार कर।
लडकीयोँ के हुस्न से चाहत निभाना छोड दे।

 

देश से मतलब नही लडकी पे मरता रहता है।
माँ-बाप का कोई डर नही बीवी से डरता रहता है।
बन जा पहले मर्द या मर्दोँ मे आना छोड दे।

 

देश की हर लडकियाँ तेरी बहन हैँ सोच ले।
लडकी पर छीटाकशी की आदतोँ को रोक ले।
लडकीयोँ के जिस्म से आँचल हटाना छोड दे।

 

खुद पे कर एहसान तु माँ भारती की लाज रख।
देश की इज्जत बढा अपने वतन पर नाज रख।
अपनी माँ के सामने मुँह को छिपाना छोड दे।

 

भुल जा तु लडकीयोँ को देखना युँ घूरकर।
देश का है दाग तु ये नाम ना मशहुर कर।
खुद की इज्जत को बचा नीयत से जाना छोड दे।

 


।शिव।

 

 

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ