जँमी पे आज चलो आसमाँ उतारेँ हम।
चमन के फुल से ये आँगना बुहारेँ हम।
मात लक्ष्मी का होगा वास आज घर-घर मे।
भाग्य आयेगा सबके पास आज घर-घर मे।
आज की रात चलो भाग्य मे गुजारेँ हम।
माँ के चरणो मे अपनी जिन्दगी अर्पण कर देँ।
कुटिल मन को अपने श्वेत सा दर्पण कर देँ।
माँ के वन्दन से अपनी जिन्दगी निखारेँ हम।
ज्ञान का दीप अपने हृदय मे करेँ रौशन।
झुठ पाखण्ड से अँधेर ना करेँ तन-मन।
अँधेरी रात को कर देँ किसी किनारे हम।
अपने दुख दर्द का अफसाना सुनायेँ माँ को।
अपनी बेचारगी का हाल बतायेँ माँ को।
अपने आँसु से माँ की पादुका पखारेँ हम।
'शिव'
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