दीपोँ का त्यौहार है लोगो चलो प्यार का दीप जलायेँ।
घर के हर कोने-कोने मे माँ लक्ष्मी का वास करायेँ।
ईद मे तुमसे गले मिले हैँ तुम भी आज गले लग जाओ।
दिवाली के पाक नुर मे भाई मेरे तुम भी जग जाओ।
चलो एक बनकर हम अपने देश मे सुख समृद्धि लायेँ।
वीडावादिनी मात सरस्वती मन को शुद्ध बना देँगी।
पापी और अज्ञानी को भी परम प्रबुद्ध बना देँगी।
शारदे माँ की पुजा करके चलो हृदय का क्लेश मिटायेँ।
काम कोई ऐसा करिये जिससे ये हो त्यौहार सफल।
कोई भुखा ना दम तोडे कोई प्यासा ना रहे विकल।
चलो किसी की भुख मिटा देँ चलो किसी की प्यास बुझायेँ।
'शिव'
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