Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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इक बेवफा को अपना बनाने से क्या मिला

 

इक बेवफा को अपना बनाने से क्या मिला।
चाहत मे अपनी जान लुटाने से क्या मिला।


 

जख्मो पे बस छिडक दिया नफरत का कुछ नमक।
जालिम को अपना जख्म दिखाने से क्या मिला।


 

जिसने तुम्हारे प्यार को एक पल मे भुलाया।
उसके लिए युँ खुद को भुलाने से क्या मिला।


 

तुमको तुम्हारे अपने ही हमराज़ ने लुटा।
दुनियाँ मे अपना राज छुपाने से क्या मिला।


 

दिल की तुम्हारी आज तलक राख ना मिली।
दिल मे वफा की शम्मा जलाने से क्या मिला।


 

दुनियाँ की आज तुमने भी औकात देख ली।
देखा जमाने वालोँ जमाने से क्या मिला।


 

अपनो ने 'शिव' की लाश को जलता हुआ छोडा।
युँ उम्र भर का रिश्ता निभाने से क्या मिला।

 

 

'शिव'

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