Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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है आवाज तेरी या कोयल की बोली

 

है आवाज तेरी या कोयल की बोली।
तेरी बात दिल को लगे जैसे गोली।

 


तुम्हारे ही सँग मे मेरा दिल बहलता।
मेरे दिल को भाये तुम्हारी ठिठोली।


 

 

मै उस चाँद को तेरी बिँदिया बना दुँ।
कहो तो मै ला दुँ सितारोँ की चोली।

 


मै तेरे ही दर की गुलामी करुँगा।
अगर तु मोहब्बत से भर दे ये झोली।

 


तुम्हारी अदायेँ करेँ मुझपे जादु।
कभी लागे नटखट कभी लागे भोली।

 


तेरे गोरे गालोँ पे लाली जडुँगा।
तेरे सँग मोहब्बत की खेलुँगा होली।

 


'शिव'

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