हमारे देश के बच्चोँ मे शिष्टाचार होता है।
बडो की होती है इज्जत सभी मे प्यार होता है।
हमे सिखलाया जाता है करो ना बैर आपस मेँ।
मित्रता हो ही जाती है अगर तकरार होता है।
हम अपनी जान देकर भी गुरुजन के रिणी होगेँ।
गुरु की सेवा करके ही कोई फनकार होता है।
ये है कर्तव्य माता का कि वो बच्चोँ को शिक्षा दे।
उचित मानवता का खाका यहीँ तैयार होता है।
बुराई से बना दुरी रहेँ गुणियोँ की सँगत मेँ।
सहीँ तालीम से ही तो सही व्यवहार होता है।
! शिव !
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