Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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होता है बडा बवाल कि तुम ना हँसा करो

 

होता है बडा बवाल कि तुम ना हँसा करो।
मचता है धुम कमाल कि तुम ना हँसा करो।

 

तुम हँसती हो तो खर्च मेरा दिल होता है।
हम होते हैँ कंगाल कि तुम ना हँसा करो।

 

तुम हँसती तो गाल गुलाबी होते है।
उडते हैँ रंग गुलाल कि तुम ना हँसा करो।

 

तुम हँसती हो तो चाँद तुम्हे सब कहते हैँ।
देते हैँ तेरी मिसाल की तुम ना हँसा करो।

 

तुम हँसती हो तो जान पे आफत आती है।
होता है जिगर हलाल कि तुम ना हँसा करो।

 

तुम हँसती हो तो गाल पे तिल दिख जाते हैँ।
लगते हैँ बडे दलाल कि तुम ना हँसा करो।

 

तुम हँसती हो तो प्यार की बारिश होती है।
घिरते हैँ मेघ विशाल कि तुम ना हँसा करो।

 

तुम हँसती हो तो दिल तुम पे आ जाता है।
रख सकते नही सम्भाल कि तुम ना हँसा करो।

 

तुम हँसती हो तो दिल मे उलझन होती है।
बढ जाता है जंजाल कि तुम ना हँसा करो।

 

तुम हँसती हो तो सनम खुदा हो जाती हो।
होते हैँ सभी निहाल कि तुम ना हँसा करो।

 

तुम हँसती हो तो 'शिव' पागल हो जाता है।
हो जाता हुँ बेहाल कि तुम ना हँसा करो।

 

तुम हँसती हो तो शहर मे बातेँ बनती हैँ।
उठते हैँ कई सवाल कि तुम ना हँसा करो।

 

 



'शिव'

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