Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हम तुम को अपने दिल का कातिल नही कहेँगे

 

हम तुम को अपने दिल का कातिल नही कहेँगे।
नजरोँ से मार देना और तीर भुल जाना।

 

मुझे मार डालनेँ को तेरी अदा है काफी।
खंजर,मशीनगन और समशीर भुल जाना।

 

फौलाद है बदन पर ये दिल तो मोम का है।
जुल्फोँ मे कैद करना जंजीर भुल जाना।

 

शायद मै तेरी किस्मत मे आ सकूँ ना जानम।
मुझे छीन लेना रब से तकदीर भुल जाना।

 

हम अपने दुश्मनोँ को बस इतना ही कहेगेँ।
जीना है गर शुकूँ से कश्मीर भुल जाना।

 

'शिव'

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