Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जा मुझे तु छोड. के तुझको भुला ना पाउगाँ

 

 

जा मुझे तु छोड. के तुझको भुला ना पाउगाँ। अपने सच्चे प्यार को दिल से मिटा ना पाउगाँ।
 
जानता हूँ मै मुझे रोते तु देखेगी नही। रो पडेगी साथ मे कुछ और सोचेगी नही। रोयेगा दिल बेपनाह आँसू बहा ना पाउगाँ।
 
जख्म मेरे देख के तुझे दर्द ना होने लगे। देखकर मेरी तडप तेरी आँख ना रोने लगे। अपने दिल के जख्म मै तुझको दिखा ना पाउगाँ।
 
आँखो मे जो पड. चुकी थी धुल सोचा फुल है। मुझ को क्या मालुम था मेरे नजर की भुल है। अब मैतेरे प्यार के सपने सजा ना पाउगाँ।
 
बिन तेरे जीना मुझे जानेजाँ नामंजुर है। जी लुँ मै तेरे बिना यूँ भी ना दिल मजबुर है। खुद को कर लुगाँ खतम नाम-ओ-निशाँ ना पाउगाँ।
 
मेरी होकर के भी तु गैरो का दामन थाम ले। 'शिव' मरे तेरे नाम पर किसी और का तु नाम ले। दिल पे अपने बोझ इस तरहाँ उठा ना पाउगाँ।
 
 
'शिव'
 

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