Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जान से ज्यादा प्यारी यादेँ

 

जान से ज्यादा प्यारी यादेँ।
मुझको लगीँ तुम्हारी यादेँ।


 

आँखो की दुल्हन बन बैठीँ।
जालिम तेरी कुँवारी यादेँ।


दिल मे घात लगा कर आईँ।
धोखेबाज शिकारी यादेँ।


 

सपनोँ की बस्ती मे हैँ ये।
करती कारगुजारी यादेँ।


 

अल्लाह जाने कब सुधरेगीँ।
मुँह से लगी दुलारी यादेँ।


मुम्बईया छोरी पर अटकीँ।
देखो मेरी बिहारी यादेँ।


'शिव' के दिल पे माथ टिका के।
रोती रहीँ बेचारी यादेँ।


'शिव'

 

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