Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जय माता दी

 

दुर कर मेरे घर का कलेष मईया।
आज कर मेरे घर मे प्रवेश मईया।


सुन मेरी मईया अपना बेटा बना ले।
गिर नही जाऊँ मईया गोदी उठा ले।
तेरा पूजन करुँगा विशेष मईया।


शरण मे तेरी मईया ईश्वर झुके हैँ।
शक्ति से तेरी चाँद, सुरज रुके हैँ।
पुजते ब्रम्हा, विष्णु, महेश मईया।


 

चरणो मे आके तेरे शिश मै नवाऊँ।
भक्ति मे तेरी सारा जीवन बिताऊँ।
मुझे दे दे अगर तु आदेश मईया।


 

मुझ को है मईया एक तेरा सहारा।
ठुकरा ना मईया कैसे होगा गुजारा।
मेरे अपनो ने बदला है भेष मईया।


पुण्य बढ जाये माँ पाप हो जाये कम।
ना बढे दासिता ना ही आँखे होँ नम।
फिर बना इसको सोने का देश मईया।


छोड जमाना तेरे दर पे मै आया।
याद नही है क्या खोया क्या पाया।
कुछ नही मेरे जीवन मे शेष मईया।

 

 

'शिव'

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