Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

झुकने से पहले ही यारोँ सर कट जाये तो अच्छा है

 

झुकने से पहले ही यारोँ सर कट जाये तो अच्छा है।
ये जुनूँ नही हो पाये कम खुँ्‌न घट जाये तो अच्छा है।

 

 

बादल ये कायरता का जो छाया है मेरी आँखो मे।
मुझको कल जंग मे जाना है ये छट जाये तो अच्छा है।

 

 

ये कारोबार जो नफरत का मै भुले भटके करता हुँ।
कोई अच्छा इंसान अगर मुझे जट जाये तो अच्छा है।

 

 

ये एक पडोसी मुल्क तो क्या दुनिया कुछ ना कर पायेगी।
भारत का सैनिक बार्डर पे गर डट जाये तो अच्छा है।

 

 

इससे पहले की अब कोई भारत को आँख दिखा पाये।
दिल मे जज्बे का एटम बम गर फट जाये तो अच्छा है।

 

 

हम लोगोँ को लडवाकर ये अपनी जगहोँ पर कायम हैँ।
मजहब और धर्म का सँग यारोँ अब बँट जाये तो अच्छा है।

 

 

ये कौवा देश के दुश्मन का जो नफरत से टर्राता है।
तोते की तरह प्यार की धुन ये रट जाये तो अच्छा है।

 

 

कहीँ याद तुम्हे करते करते ये जान ही ना अपनी खो दे।
तेरी यादेँ 'शिव' के दिल से गर हट जायेँ तो अच्छा है।

 

 

।शिव।

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ