Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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करवाचौथ

 

इस दुनिया मे मेरे मालिक जब तक तेरा नुर रहे।
शौहर मेरा रहे सलामत
माँग मे ये सिन्दुर रहे।

 



होँठो पर मुस्कान सजी हो दिल खुशियोँ से पागल हो।
लगे उसे जब धुप कहीँ तो
सर पर उसके आँचल हो।
दुख तकलीफ से रहे
सलामत खुशियोँ मे ही चुर रहे।


 


रहे सफलता कदम चुमती पति मेरा आबाद रहे।
नीचकर्म और देशद्रोह से
पति मेरा आजाद रहे।
काम करे वो इस तरहाँ के उस पर मुझे ग़ुरूर रहे।


 


प्यार करे वो मुझसे इतना
कि मै उसपे मर जाऊँ।
अपनी जान लुटाकर उसके दिल मे खुशियाँ भर जाऊँ।
हम दोनो के दिल मे हरदम प्यार का यही सुरुर रहे।


 


चरण मे उसके बिताके
जीवन खुद को धन्य बना
लुँ मै।
करके दिल से उसकी सेवा अपना भाग्य सजा लुँ मै।
उसकी दासी बनी रहुँ मै
वो ही मेरा हुज़ुर रहे।

 


'शिव' का प्यार ही मेरे लिए तो सबसे बडा खजाना है।
वही है मेरा सोना चाँदी
उसी को सब कुछ माना है।
दौलत फीकी पड जाती है प्यार अगर भरपुर रहे।

 

 

'शिव'

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