Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कुछ शेर

 

1
मेरी राहोँ की हर मुश्किल मुझे रस्ता दिखाती है।
मेरे क़दमोँ की हर ठोकर मुझे बेहतर बनाती है।

मेरी फ़ाकाकशी ने ही सदा मुझको अना बख़्शी।
मेरी ग़ुरबत और बदहाली मुझे जीना सीखाती है।

2
हम अपनी मुठ्ठी मे कसकर हवा को बाँध लेते हैँ।
पहाडोँ का वजन अपने जिगर पर लाद लेते हैँ।

चमकते तेज लब्ज़ोँ से दिलोँ को चीरते हैँ हम।
महज इक शेर कहकर के करोडोँ दाद लेते हैँ।

3
सर उठाकर पी रहा हुँ लडखडाने के लिए।
अब नया टापिक गढुँगा बडबडाने के लिए।

ये फ़कत दारु नही है प्यार का टानिक है ये।
काम आता है वफा की लत बढाने के लिए।

4
इण्डिया के दुश्मनोँ की साँस कम पड जायेगी।
इण्डिया को जीतने की आँस कम पड जायेगी।

दुश्मनोँ को खाक करने के लिए 'शिव' है बहोत।
आ गया मैदान मे तो लाश कम पड जायेगी।

5
दुनियाँ मे जीने की खातिर क्या से क्या करना पडता है।
एक दफा मुश्किल से जी कर कई दफा मरना पडता है।

प्यार, मोहब्बत, रहमदिली से जीने की उम्मीद ना करना।
कदम कदम पर सब को यारोँ दुनियाँ से लडना पडता है।

 

 

 



'शिव'

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