Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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माँ-बाप

 

बेटा जब नाम कमाये माँ-बाप भी खुश होते हैँ ।
बेटा जब नाक कटाये माँ-बाप बहुत रोते हैँ ।

 

अपने बच्चोँ की खातिर वो अपनी नीँद गवाँ देँ ।
बच्चे जब तक ना सोयेँ माँ-बाप कहाँ सोते हैँ ।


 

जो पेट काट के अपना बच्चोँ को खुश कर देते ।
होते हैँ वो ही ईश्वर माँ-बाप वही होते हैँ ।


 

हम पाते हैँ जो खुशियाँ ऐसे नही मिल जाती ।
खुशियोँ की फसल हमारी माँ-बाप ही तो बोतेँ हैँ ।


 

माँ-बाप को छोडके हम सब जो दाग दिये जाते हैँ ।
रो रोके अश्को से ही वो दाग वही धोते हैँ ।

 

 

। शिव ।

 

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