मेरी ओर इक बार हँसकर तो देखो।
मुझे अपनी बाँहोँ मे कसकर तो देखो।
लगेगी तुम्हे सारी दुनियाँ ये जन्नत।
मेरे दिल की बस्ती मे बसकर तो देखो।
तुम्हे याद आ जायेगी अपनी नानी।
मोहब्बत के चक्कर मे फँसकर तो देखो।
दिखा दुँगा मै आज औकात तुमको।
सँपोलो मुझे आज डसकर तो देखो।
नही नीँद आयेगी रातोँ मे तुमको।
सियासत के दलदल मे धँसकर तो देखो।
बदन मे कयामत सी कौँधेगी बिजली।
मेरे होँठ पर होँठ घसकर तो देखो।
हजारोँ दिलोँ की करा देगा कुडकी।
मोहब्बत के बनिए को झँसकर तो देखो।
'शिव'
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