Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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नाम अपनो किसान बाऽ साहेब

 

नाम अपनो किसान बाऽ साहेब।
घर मा गीता कुरआन बाऽ साहेब।

 

 

आग पानी से सर बचावै बिनऽ।
टुटल फुटल मकान बाऽ साहेब।

 

 

हम गरीबन से टैक्स का लेईहैँ।
छोटी मोटी दुकान बाऽ साहेब।

 

 

चैन के साँस ले सकीऽब ना हम।
एगो बेटी जवान बाऽ साहेब।

 

 

हम तऽ टुटल सऽ एक दीया बानी।
सगऽरी दुनियाँ तुफान बाऽ साहेब।

 

 

बात हक के तऽ कर सकीऽला हम।
एतनी लम्बी जुबान बाऽ साहेब।

 

 

बासी रोटी कटल फटल कपडा।
ई हमाऽर खानदान बाऽ साहेब।

 

 

जिन्दगी केऽ बितावे केऽ खातिर।
ई जँमी आसमान बाऽ साहेब।

 

 

हमरे खेतन पे ना करीँ कब्जा।
खेत मे हमरो जान बाऽ साहेब।

 

 

केतनी बारी बा लुट चुकल लेकिन।
हमाऽर भारत महान बाऽ साहेब।

 

 

मऊत पे एहो बिनऽ भरोसा बाऽ।
जिन्दगी बेईमान बाऽ साहेब।

 

 

 

'शिव'

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