Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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प्यार मेरा कुबुल कर लीजे

 

 

प्यार मेरा कुबुल कर लीजे।
जिन्दगी को वसुल कर लीजे।

 

इश्क की भुख बढती जायेगी।
बात थोडी फिज़ुल कर लीजे।

 

आपको चुम कर महकना है।
अपने होँठो को फुल कर लीजे।

 

प्यार मेरा ये सख्त हो शायद।
अपनी बाँहे बबुल कर लीजे।

 

इख्तियारेँगे राह-ए-उल्फत हम।
चाहे राहोँ को शुल कर लीजे।

 

पोँछ देँगे हम अपनी पलकोँ से।
अपने पैरोँ पे धुल कर लीजे।

 

आपके जुर्म माफ कर दुँगा।
आज बच्चोँ सी भुल कर लीजे।

 




'शिव'

 

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