Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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राम भजन का मिला खजाना

 

राम भजन का मिला खजाना।
प्रभु मिलन का बना बहाना।
प्रभु चरणन मे ध्यान लगा के।
हो गया राम रसिक दिवाना।

 

 

रामजी मेरे कष्ट हरेगेँ।
जीवन मेरा सुखद करेगेँ।
प्यास मेरी वो कम कर देगेँ।
ह्रदय मे आकर प्यार भरेगेँ।
मैने प्रभु को याद किया है।
ह्रदय मे होगा राम का आना।

 

 

प्रभु का गर गुणगान करोगे।
अम्रत का रसपान करोगे।
दुख दरिद्र सब कट जायेगेँ।
राम भजन मे ध्यान करोगे।
दुनिया का हर सुख पाओगे।
तुम भी रामभक्त बन जाना।

 

 

प्रभु बसे हैँ हर एक कण मे।
दिखेगेँ तुमको एक एक क्षण मे।
दीन दुखी की सेवा करना।
कर लो शामिल अपने प्रण मे।
प्रभु राम हैँ सबके दिल मे।
सबरी के भी बैर को खाना।

 

 

प्रभु ने भी वनवास लिया था।
कई दिनो उपवास किया था।
हम जीते हैँ जैसा जीवन।
प्रभु ने भी एहसास किया था।
सुर नर मुनि किन्नर और राक्षस।
प्रभु की महिमा कौन है जाना।

 

 

 

'शिव'

 

 

 

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