Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तेरी ज़फाओँ से मुझको कोई मलाल नही

 

तेरी ज़फाओँ से मुझको कोई मलाल नही।
तेरे दिवाने का तुझको कोई खयाल नही।

 


निकाल फेक दे मुझको ये है तेरी हिम्मत।
तुझे मै दिल से निकालुँ मेरी मजाल नही।

 

 

मै तेरे हुस्न की वाजिब मिसाल किससे दुँ।
तेरी मिसाल ये है कि तेरी मिसाल नही।

 


जहाँ भी देखो वहाँ खुन से लिपटे हैँ सब।
ये कैसी होली है जिसमे कोई गुलाल नही।

 

 

हर इक कमाल मे शामिल कमाल है रब का।
मेरे कमाल मे मेरा कोई कमाल नही।

 

 

अदब की राह मे दुश्वारियाँ सहते सहते।
ज़मीर बेँचकर खा लुँ कोई सवाल नही।

 

 

'शिव'

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