तु भी किसी के प्यार मे तडपे तो ठीक है।
चाहत के इन्तजार मे मे तडपे तो ठीक है।
तेरी ज़फा के तीर से हारी मेरी वफा।
तु भी वफा की हार मे तडपे तो ठीक है।
इज्जत के प्यारे गाँव को ठुकरा गई जो तु।
रुसवाई के बाजार मे तडपे तो ठीक है।
दिल के मेरे गुलाब का दिल तोडने वाली।
काँटो भरी बहार मे तडपे तो ठीक है।
जिसकी तलब मे दिल ने लुटाई मेरी दुनियाँ।
तु भी उसी ख़ुमार मे तडपे तो ठीक है।
शादी के दिन रक़ीब मेरा प्राण त्याग दे।
तु सोलहोँ श्रँगार मे तडपे तो ठीक है।
दुनियाँ की समस्या का जहर घुटने वाला।
'शिव' भी इसी संसार मे तडपे तो ठीक है।
'शिव'
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