Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तुम्हारा देखना ऐसे हमारी जान ले लेगा

 

तुम्हारा देखना ऐसे हमारी जान ले लेगा।
कत्ल कर देगा तु मुझको मगर एहसान ले लेगा।



 

 

तुम्हारे आँख का दरिया डुबा लेगा मुझे खुद मे।
चुराकर मुझको ही मुझसे मेरी पहचान ले लेगा।


 


मै जिसकी याद मे अक्सर लिखा करता हुँ ये नगमें।
मुझे ये क्या पता था वो मेरा दीवान ले लेगा।



 

 

बचाकर रखना ऐ यारोँ जमीर और अपने ईमाँ को।
नही इँसान की जगहाँ कोई शैतान ले लेगा।



 

 

मै अपनी मौत को मुट्ठी मे अपनी ले के चलते हैँ।
बिना मर्जी के मेरी जान क्या भगवान ले लेगा।



 

 

खुदा आकर के उस इंसान के कदमोँ को चुमेगा।
छोडकर हीरे और मोती को जो ईमान ले लेगा।



 

 

 

जो देखेगा तेरे अन्दाज नंगी आँख से अपने।
कलेजे मे तेरे मस्ती भरे तुफान ले लेगा।


 


मेरे महबुब को मैने हजारो छुट दे दी है।
मुझे देकर हजारोँ गम मेरी मुस्कान ले लेगा।


 


मुझे फिर कत्ल करने का अगर वादा निभाओ तुम।
तो पागल प्यार मे ये 'शिव' सभी इल्जाम ले लेगा।

 

 

'शिव'

 

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