Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तुम्हे याद करके

 

 

तुम्हे याद करके मै रोया करुगाँ।
शराबोँ मे खुद को डुबोया करुगाँ।

 


नही चाहता हुँ मै फुलोँ का बिस्तर।
तेरे बिन ये गुलशन लगे जैसे नश्तर।


 

 

मै काँटो से दामन सजा लुँगा अपना।
मै काँटो के बिस्तर पे सोया करुगाँ।


 

 

तुम्हारे बिना मै खुशी क्या करुँगा।
तुम्हारे बिना जिन्दगी क्या करुँगा।


 

 

खुशी से लुटाकर खुशी अपनी तुम पर।
तुम्हारी खुशी को सँजोया करुँगा।

 

 

 

।शिव।

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