आपके दर पर दिवाना आ गया।
प्यार करने का ज़माना आ गया।
महफिलोँ मे छा गईँ रंगिनियाँ।
प्यार का मौसम पुराना आ गया।
आपकी मदहोश आँखे देख कर।
युँ लगा मेरा ठिकाना आ गया।
सह सकुँगा आप से मै दुरियाँ।
प्यार मे खुद को सताना आ गया।
हुस्न वालोँ की ही मानिन्द आपको।
तीर नजरोँ का चलाना आ गया।
आपकी यादोँ मे तनहाँ बैठकर।
मुझको भी आँसु बहाना आ गया।
'
'शिव'
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY