मेरे यार करा दो शादी
मुझे जीने मे दिक्कत है।
मै हो गया ओल्ड कुँवारा
ये भी कोई इज्जत है।
ना है लखटकिया बीवी
ना उसकी लख लख बातेँ।
ना ही स्विट्जर के दिन हैँ
ना ही पेरिस की रातेँ।
बिन बीवी बना भीखारी
किस काम की ये दौलत है।
मेरी बाँडी बुलेटप्रूफ है
मेरा नाम है मिस्टर सल्लु।
मै बच्चे करुँगा पैदा
कल्लु, लल्लु और झल्लु।
दादा की उम्र मे पापा
बन जाऊँ यही हसरत
है।
बेला कितना भी पापड
आयी ना हाथ हसीना।
नाहक ही जीम मे जाकर टपकाता रहा पसीना।
एक लडकी ना पट पायी
किस काम की ये कसरत
है।
दिल करता है की
पकडुँ मै बाँहे गोरी गोरी।
खाने को मैरिज लड्डू
लपके
ये जीभ चटोरी।
खाऊँ शादी के लड्डु मेरे
दिल की चाहत है।
अपने बेटोँ की शादी
सब इक्कीस मे करते हैँ।
आते ही मेरी बारी
मुँह मे ताला भरते हैँ।
अब तक है रखा
कुँवारा दुनियाँ कितनी
हलकट
है।
कभी बाँडीगार्ड बना
हुँ
कभी प्यारे, पाण्डेय,
चुलबुल।
एडी और पैर रगड के
बन गया टिटीहरी
बुलबुल।
शादी के ही चक्कर मे
करनी पडती मेहनत है।
'शिव'
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY