हिन्दी सिर्फ भाषा नहीं,बल्कि यह हमारे अल्फाजों को समेट,हमारी बातों को सरलता एवं सुगमता से कहने का विशेष माध्यम हैं।हिन्दी बिल्कुल हमारी की तरह ही हमसे जुड़ाव रखती है और हम भी मां हिन्दी के बिना अपने अस्तित्व की कभी कल्पना नहीं कर सकते।क्योंकि मां के बिना बेटे की कल्पना बिल्कुल असम्भव है। जब भी हम हिन्दी भाषा में बात कर रहे होते है,तो हमें ऐसा प्रतीत होता है कि हम अपनी बोली में अपनेपन एवं आत्मीयता के भावों में बंधकर बात रहे है।हिन्दी का हमारी जीवनशैली में अहम योगदान है,क्योंकि और सभी भाषाओं का उपयोग हम अपने गांवों में,अपनी मांओं से या अन्यत्र लोंगो से नहीं कर सकते क्योंकि वो उतने पढ़े लिखे नहीं होते और ना ही वो हमारी और किसी भाषा के बारे में अच्छी तरह परिचित होते है,लेकिन हमारी हिन्दी भाषा से सब विशेष रूप से परिचित होते है और अपने जनजीवन में हिन्दी भाषा का प्रयोग बहुतायत रूप से करते है, इसलिये हिन्दी भाषा लोंगों को एक दूसरे से जोड़ने का कार्य करती है।यह हमें हमारी बात को आसानी से कहने का अद्भुत माध्यम होती है।आज विदेशों में भी हमारी हिन्दी भाषा का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है और इसका पूरा श्रेय हमारे देश के वर्तमान यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जाता है,क्योंकि उन्होंने सदैव अपने वक्तव्यों में हिन्दी भाषा का प्रयोग किया है जिसके कारण हिन्दी भाषा दुनिया में सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषाओं में तीसरे नंबर में शामिल है।हमें गर्व है कि हम हिन्दी भाषा को साथ लेकर आगे चल रहे है, हिन्दी हमारे सम्मान का प्रतीक है,हमारे देश की संस्कृति और सभ्यता एवं परम्पराओं का विशेष माध्यम हिन्दी भाषा ही है।मैं आप सभी से हाथ जोड़ कर यह अपील करता हूं कि हिन्दी भाषा का प्रयोग आप सभी अधिक से अधिक करें,अपने दैनिक कार्यों में अपने निजी कार्यों में एवं अपने हस्ताक्षर भी आप अब हिन्दी में ही करें,क्योंकि ऐसा करके हम अपने हिन्दुस्तान और हिन्दी भाषा के अस्तित्व को कायम रख सकेगे।गर्व से कहो “हिन्दी है हम”
-©® शिवांकित तिवारी “शिवा” युवा कवि एवं लेखकसंपर्क:- 7509552096
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