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हिन्दुस्तान की नारियाँ

 

ये हिन्दुस्तान की नारियाँ, ये हिन्दुस्तान की नारियाँ,
कभी पहने खुल्ले कपड़े, कभी पहने साड़ियाँ.

 

ये हिन्दुस्तान की नारियाँ, ये हिन्दुस्तान की नारियाँ,

 

जब ये हो जाए घोड़े पे सवार, हाथ में लें लें ये तलवार,
तो लगे झाँसी की नारियाँ,

 

ये हिन्दुस्तान की नारियाँ, ये हिन्दुस्तान की नारियाँ,

 

इतिहास है गवाह, कभी अपनी लाज के लिए लिया जोखिम,
तो कभी खेली खून की होलियाँ,

 

ये हिन्दुस्तान की नारियाँ, ये हिन्दुस्तान की नारियाँ,

 

इन्हें कोई भी दे दें ज़िम्मेदारियाँ, कभी नही यें कतराइयाँ,
यें हैं हिम्मतवालियाँ,

 

ये हिन्दुस्तान की नारियाँ, ये हिन्दुस्तान की नारियाँ,
ये हिन्दुस्तान की नारियाँ, ये हिन्दुस्तान की नारियाँ,

 

लेखक:- श्री निरंजन कुमार बंसल

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