ज़िंदगी बहुत है कीमती, इसे मत बर्बाद किजिए,
हो सके जितना जल्दी-जल्दी कैश किजिए.
रोते हो क्यूँ, क्या कुछ साथ लाए थे,
पहले था किसी का, बस अब ना आस किजिए.
ज़िंदगी बहुत है कीमती, इसे मत बर्बाद किजिए,
जलते हो क्यूँ किसी को देख कर, तुम्हें क्या हासिल होगा,
बस इक मशवरा मानो मेरा, उसे ही अपना मकसद बना लीजिए.
ज़िंदगी बहुत है कीमती, इसे मत बर्बाद किजिए,
ये दुनिया है इक आनी-जानी, इसमे रहने का ना पक्का इरादा किजिए,
हो सके जितना जल्दी-जल्दी वक़्त को कैश किजिए.
ज़िंदगी बहुत है कीमती, इसे मत बर्बाद किजिए,
मत छोड़िए डगर अपनी, मंज़िल को पाही जाओगे,
अगर देखोगे किसी और को, तो मुहँ की खा जाओगे.
ज़िंदगी बहुत है कीमती, इसे मत बर्बाद किजिए,
देखा है हमने दुनिया को, बहुत नज़दीकी से,
जो पहले दुश्मन थे, उन्हे पहले अपना बना लीजिए.
ज़िंदगी बहुत है कीमती, इसे मत बर्बाद किजिए,
बस जब जाओ इस दुनिया से, रुखसत होकर,
इस दुनिया वालों के दिलों में, जगह बना लीजिए.
ज़िंदगी बहुत है कीमती, इसे मत बर्बाद किजिए,
मानो "बंसल" का कहना, समय को ना बर्बाद किजिए,
ज़िंदगी की अहमियत को, स्वीकार किजिए.
ज़िंदगी बहुत है कीमती, इसे मत बर्बाद किजिए,
ज़िंदगी बहुत है कीमती, इसे मत बर्बाद किजिए.
लेखक:- श्री निरंजन कुमार बंसल
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