मौत की घड़ी
मौत किसी का इंतजार नहीं करती,
किस समय किस घड़ी आ जाए, विचार नहीं करती..!
वो अपने उसूलों की पक्की है,
वो किसी को उस वक्त प्यार नहीं करती..!
वो खुदा का फरमान होता है,
खुदा के फरमान में देरी नहीं करती..!
चाहे दिन हो या अंधेरी रात, तूफान हो या भूचाल....!
वो "बंसल" आकर रहती है इंतजार नहीं करती....!
इंतजार नहीं करती....!
जय श्री राम
जय श्री राम
लेखक :- श्री निरंजन कुमार बंसल
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