जीवन उसी का नाम है, जो संघर्षो से गुज़रे,
उसका जीवन क्या जीवन है, जो बच-बच के निकले.
माना संघर्षो में हमको, दुख उठाना पड़ता है,
लेकिन दुख के बाद हमें, सुख अनुभव का होता है.
देखो सुबह के सूरज को, जो बादलों को चीर के निकले,
अपनी इस ताक़त से वो, रात के अंधेरें को निगले
इसी अपनी ताक़त से वो, दुनिया में पूजा जाए,
कोई उसको "रब" कहता, कोई अपना "इश्क़" बतलाए.
लेखक :- श्री निरंजन कुमार बंसल
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY