Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

Shubh Salunkhe

 

रुठे हुए दिल की तमन्ना तो पुछ लेते...
बिखरे हुए अरमाँनोँको अपने आप मे समाँ लेते...
दिल से जरा पुछे कोई की आपको चाहे ये कितना,
मुलाकातेँ ना ही सही, अपनी यादें तो छोड जाते...!

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