रुठे हुए दिल की तमन्ना तो पुछ लेते...
बिखरे हुए अरमाँनोँको अपने आप मे समाँ लेते...
दिल से जरा पुछे कोई की आपको चाहे ये कितना,
मुलाकातेँ ना ही सही, अपनी यादें तो छोड जाते...!
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रुठे हुए दिल की तमन्ना तो पुछ लेते...
बिखरे हुए अरमाँनोँको अपने आप मे समाँ लेते...
दिल से जरा पुछे कोई की आपको चाहे ये कितना,
मुलाकातेँ ना ही सही, अपनी यादें तो छोड जाते...!
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