Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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गमला ही बगीचा हो जायेगा

 

पल भर का साथ अब उसका, एक यादगार बन जायेगा|
तुम उससे रूठ जाओगे, वह तुमसे भी रूठ जायेगा|
समाधान नहीं हो पायेगा, अब कौन किसे मनायेगा|
समझदार बच्चे होने पर, प्यार दुबक कर हो जायेगा|
आँखों में एक पानी की बूँद से, मन में सागर भर जायेगा|
विषम परिस्थितियों में ही अब, मौन प्यार मिल पायेगा|
सब कुछ हार जायेगा, किस्मत से भी अब हार जायेगा|
अहम् को कोई नहीं छोड़ेगा, अहम ही आड़े आएगा।
प्यार भरा जीवनसाथी अब, बिना प्यार का हो जायेगा|
खुशनुमा रंग बिखर जायेंगे, गमला ही बगीचा हो जायेगा|

 

 

 

द्वारा
सुधीर बंसल

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