द्वारा
सुधीर बंसल
बाद तमाम कोशिशों के, यह सबक तुझे मिल जायेगा|
सब चीजों में जहर मिल गया, असली कुछ नहीं मिल पायेगा|
जहर से काम चला रहा हे, अब अमृत भी नहीं पी पायेगा|
लाख करेगा कोशिश, फिर भी मर नहीं पायेगा|
जहर भी असली नहीं मिलेगा, लौट के घर फिर आ जायेगा|
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