द्वारा
सुधीर बंसल
हर दिल की धड़कनों का, वह राज बेचता है|
मुसीबतों को लाने वाला, हर साज बेचता है।
तुम एक साज की धुन हो बस, वह रियाज़ बेचता है।
हर दिल में उठती धुन का, वह आगाज बेचता है।
हर दिल में नफरत लाने का, वह अंदाज बेचता हैं।
बात बस हवा में ही रहें, वह कागज का जहाज बेचता है।
सरताज बनने के लिए, वह मोहताज बेचता हैं ।
तुम बस कल की ही सोचो, वह 'आज' बेचता है |
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