द्वारा
सुधीर बंसल
जल्दी मत कर पाने की, वक्त पर सब मिल ही जायेगा|
जो प्लेटफोर्म पर बना रहेगा, ट्रेन कभी भी आ जाएगी|
गर प्लेटफोर्म से उतर गया, तब बस से चक्कर काटेगा|
मंजिल मिलेगी टुकड़ों में, और बक्त भी ज्यादा लग जायेगा|
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सुधीर बंसल
जल्दी मत कर पाने की, वक्त पर सब मिल ही जायेगा|
जो प्लेटफोर्म पर बना रहेगा, ट्रेन कभी भी आ जाएगी|
गर प्लेटफोर्म से उतर गया, तब बस से चक्कर काटेगा|
मंजिल मिलेगी टुकड़ों में, और बक्त भी ज्यादा लग जायेगा|
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