द्वारा
सुधीर बंसल
चरित्र ख़राब है तेरा, तब नेता बन सकता है|
अँधा जब हो जायेगा, तब ड्राईवर बन सकता है|
जब काम कहीं न मिल पायेगा, तब शिक्षक बन सकता है|
सुनने की शक्ति नहीं होगी, तब श्रोता बन सकता है|
चापलूसी जब सीख जायेगा, अधिकारी पास बिठा सकता है|
काम नहीं आता होगा, तब काम भी मिल सकता है|
बदनाम अगर हो जायेगा, तब नाम भी मिल सकता है|
मौत जो हो जाएगी, आराम भी मिल सकता है|
गूंगा गर हो जायेगा, सन्चालन मंच का मिल सकता है|
अपराध मैं लिप्त हो जायेगा, तब न्याय भी मिल सकता है|
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