सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
धन अवश्य कमाना चाहिए लेकिन केवल धनोपार्जन को ही जीवन का उद्देश्य नहीं बनाना चाहिए। धन ही जीवन नहीं है अपितु धन जीवन की आवश्यकता है। केवल रात-दिन धनोपार्जन की जीवन शैली में अब हम अपना स्वास्थ्य बेचने में लगे हैं।
आज का आदमी बड़ी नासमझी में अपना जीवन यापन कर रहा है। हम पहले पैसा कमाने के लिए सेहत बिगाड़ते हैं फिर सेहत वापस पाने के लिए पैसे को बिगाड़ते हैं। हमें एक बात सदैव स्मरण में रहनी चाहिए कि आरोग्यता ही सबसे बड़ा धन है।
स्वास्थ्य रहने पर आप धन अवश्य कमा सकते हैं मगर धन रहते हुए भी स्वास्थ्य नहीं कमाया जा सकता है। धन जीवन की आवश्यकता हो सकती है उद्देश्य कदापि नहीं। धन साधन है साध्य नहीं। धन अर्जित जरुर किया जाए मगर स्वास्थ्य की बलि देकर नहीं।
सुरपति दास
इस्कॉन
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