सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
अपने अतीत से सदैव कुछ सीखने का प्रयास करें। हमारा अतीत कितना ही बुरा क्यों ना हो मगर उससे बहुत कुछ सीखने को मिल जाता है। जीवन से जो चला गया है उसका गम मनाने की बजाय जो बचा हुआ है उसे संभालने का प्रयास करें।
कुछ नईं योजनायें बनाकर, नईं उम्मीदों के साथ फिर कर्म के रण में उतर जाएँ। जो खो गया है वह तो लौटकर नहीं आ सकता है। अपने नुकसान के लिए किसी को भी दोषी मानने की बजाय और उससे बदला लेने की बजाय अपनी ऊर्जा को पुनः अपने श्रेष्ठ उद्देश्य में लगायें।
अपने पुराने दुःखों से, अतीत की बुरी स्मृति से जब तक आप मुक्त नहीं होंगे तब तक भविष्य का सुनहरा कल भी आपका आलिंगन नहीं कर पायेगा। वक्त रहते जीवन बदलने का प्रयास करें क्योंकि जो लोग कल के भरोसे काम को टाल देते हैं जीवन उन्हें कभी वक्त बदलने का अवसर प्रदान नहीं करता है।
सुरपति दास
इस्कान
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