सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
जीवन में सब कुछ एक निवेश की तरह ही होता है। प्रेम, समय, साथ, खुशी, सम्मान और अपमान। जितना-जितना हम ये सब दूसरों को देते जायेंगे, समय आने पर एक दिन वह ब्याज सहित अवश्य ही हमें भी वापस मिलने वाला है।
देवी द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण को एक बार एक छोटे से चीर का दान किया था और आवश्यकता पड़ने पर विधि द्वारा वही चीर देवी द्रौपदी को साड़ियों के भंडार के रूप में लौटाया गया। कभी दु:ख के क्षणों में अपने को अलग-थलग पाओ तो एक बार आत्मनिरीक्षण अवश्य कर लेना कि क्या जब मेरे अपनों को मेरी आवश्यकता थी तो मैं उन्हें अपना समय दे पाया था ?
क्या हमारी उपस्थिति कभी किसी के अकेलेपन को दूर करने का कारण बन पाई थी ? आपको अपने प्रति दूसरों के उदासीन व्यवहार का कारण स्वयं स्पष्ट हो जायेगा। देर से सही लेकिन दिया हुआ अवश्य लौटकर आता है।
सुरपति दास
इस्कॉन/भक्तिवेदांत हॉस्पिटल
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