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जीवन की वास्तविक उपलब्धि

 

जीवन की वास्तविक उपलब्धि 

सुप्रभात जी ।
कहानी सुनी सुनाई।
               निश्चित ही स्वभाव बदल जाने से जीवन का प्रभाव भी बदल जाता है। यूँ तो अधिकांश लोग जिन्दगी से शिकायत किया करते हैं परंतु बहुत थोड़े ही लोग होते हैं जो शिकायतों में भी मुस्कुराते हुए जिया करते हैं।
        हम केवल खोने का दुःख मनाना जानते हैं पाने की खुशी नहीं। खुशी के लिए काम करोगे तो खुशी ही मिले यह निश्चित नहीं मगर खुश होकर काम करोगे तो खुशी अवश्य मिलेगी।
           जिन्दगी से शिकायत करने की अपेक्षा जो प्राप्त है, उसका आनंद लेना सीखो। यही जीवन की वास्तविक उपलब्धि है। शांति एवं आनंद उसी के जीवन में होता है, जिसकी दृष्टि क्या-क्या खो दिया की अपेक्षा क्या क्या-क्या पाया, इस बात पर होती है।
सुरपति दास
इस्कॉन

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