सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
हमें अभावों में भी खुश रहना आना चाहिए क्योंकि अगर किसी को शिकायत करने की आदत हो जाए तो सब कुछ पाकर भी उसका जीवन शिकायतों से भरा रहता है।
जीवन नाजुक है, लेकिन इसे नाजुक मानने का मतलब यह नहीं है कि आपको कम से कम समय में अधिक से अधिक पैसा कमाना है, बल्कि इसका मतलब है कि इस अवसर का पूरा फायदा उठाना है और अपना समय अच्छे कार्यों में लगाना है। हमें प्रसन्नतापूर्वक श्रेष्ठ कर्म करते हुए अपने जीवन को ऊँचा उठाने का निरन्तर प्रयत्न करना चाहिए।
हर पल को उत्सव के रूप में जिएं, जीवन को आनंदमय बनाएं और हर स्थिति में खुश रहने का प्रयास करें। परिस्थितियों को स्वीकार कर जीवन यात्रा का आनंद लेना सीखें, यही खुशी का मूल मंत्र है।
सुरपति दास
इस्कॉन
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