सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
कृतघ्न मनुष्य इस दुनिया में सबसे अभागा है। दुनिया में कई लोग ऐसे भी हैं, जिनका कितना भी भला कर दो वो याद नहीं रखेंगे पर यदि कभी उनका सहयोग ना कर सको तो उस बात को जरूर याद रखेंगे। उनके भीतर कृतज्ञता नहीं होती, वो कृतघ्न होते हैं।
किसी के किए उपकार को भूल जाना दुनिया का सबसे निम्न कार्य है। जिसने संकट के समय में जब कोई तुम्हें सहारा नहीं दे रहा था, तब कंधे पर हाथ रखा हो, प्यार दिया हो, संभाला हो, उत्साह के वचन कहे हों उनके प्रति सदैव कृतज्ञ जरूर रहना चाहिए।
ये समष्टि भी उस व्यक्ति को दण्डित करती है जो किसी के किए उपकार को भूल जाता है। यदि किसी ने कभी भी और थोड़ा भी आपके साथ कुछ अच्छा किया है तो उसके प्रति सदैव कृतज्ञता का भाव बना रहना चाहिए। जिसके जीवन में कृतज्ञता है, उसके सहयोग के लिए हजारों हाथ स्वतः उठ जाया करते हैं।
सुरपति दास
इस्कॉन
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