सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
महापुरुषों का मत है, कि क्षमा मांग लेना फिर भी आसान है पर किसी को क्षमा कर देना कदापि आसान काम नहीं। क्षमा सबके बस की बात नहीं तभी तो कहा गया है कि क्षमा वीरस्य भूषणं और क्षमा वाणीस्य भूषणं क्षमा साहसी लोगों का आभूषण है और क्षमा वाणी का भी आभूषण है।
बलवान वो नहीं जो किसी को दण्ड देने की सामर्थ्य रखता हो अपितु बलवान वो है जो किसी को क्षमा करने की सामर्थ्य रखता हो। यदि आप किसी को क्षमा करने का साहस रखते हैं तो सच मानिये कि आप एक शक्तिशाली सम्पदा के धनी हैं और इसी कारण आप सबके प्रिय भी बन जाते हैं।
आजकल परिवारों में अशांति और क्लेश का एक प्रमुख कारण यह भी है कि हमारे जीवन से और जिह्वा से क्षमा नाम का गुण गायब हो गया है। दूसरों को क्षमा करने की आदत डाल लो जीवन की बहुत समस्याओं से बच जाओगे। जिसके जिह्वा और जीवन में क्षमा है, उसके जीवन में सुख है, शांति है, आनंद है।
सुरपति दास
इस्कॉन
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