महिलाओं की जिंदगी अर्थपूर्ण संघर्षपूर्ण और द्वंदपूर्ण होती है। उन्हें शायद ही स्वयं के लिए निर्णय लेने का अवसर मिलता है। सहेलियों और परिवार में मस्त रहने वाली अचानक से दूसरे परिवार के जीवन की धुरी बन जाती है। बच्चों और पति परिवार में उलझी स्त्री बच्चों के बड़े होते ही अकेली सी हो जाती है। ऐसे में उसे अपनी व्यस्तता के लिए खुद के इच्छानुसार अपने मन को व्यस्त रखने की चुनौती होती है।
Sanjay Sinha उवाच
महिलाएं क्या चाहती है
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नोट-
1. ये कहानी मैंने आपको पहले सुनाई थी। बहुत साल पहले। कारण था कि अपने एक परिजन पत्नी की सोशल साइट पर व्यस्तता से परेशान थे। वो नहीं चाहते थे कि पत्नी खुद को इन चीजों में व्यस्त रखें। घर में इस बात पर झगड़ा होता था। दोनों के जीवन का चैन खो गया था।
2. कई साल बाद फिर ये कहानी सुना रहा हूं। फिर किसी परिजन ने शिकायत की है पत्नी अपनी मर्जी चलाती है। जीवन कलहपूर्ण है।
3. संजय सिन्हा के पास हर प्रश्न का जवाब है- एक कहानी।
एक बार एक राजकुमार किसी युद्ध में पकड़ा गया और युद्धबंदी बना लिया गया। जिस राजा ने उसे पकड़ा था उसने उससे कहा कि तुम अगर मेरे एक सवाल का जवाब दे दोगे तो तुम बच सकते हो, अन्यथा तुम्हारा सिर कलम कर दिया जाएगा।
राजकुमार ने कहा कि पूछिए अपना सवाल।
राजा ने कहा कि मैंने सुना है कि महिलाएं क्या चाहती हैं, ये ईश्वर को भी पता नहीं होता, तो तुम मुझे ये बताओ कि महिलाएं क्या चाहती हैं?
राजकुमार बहुत उलझन में पड़ गया। उसने कुछ दिनों का समय मांगा, और कई लोगों से मिल कर उसने जानना चाहा कि महिलाएं क्या चाहती हैं?
लेकिन कोई इस सवाल का जवाब नहीं दे सका। बहुत भटकने के बाद किसी ने उसे सलाह दी कि पहाड़ के पीछे वाले राज्य में एक बुढ़िया रहती है, लोग कहते हैं कि वो बहुत अनुभवी है, वो शायद बता सके कि महिलाएं क्या चाहती हैं?
राजकुमार वहां पहुंचा। वहां बुढ़िया मिली। हिम्मत करके राजकुमार ने उस बुजुर्ग महिला से पूछा कि क्या आप बता सकती हैं कि महिलाएं ज़िदगी में क्या चाहती हैं?
बुढ़िया हंसने लगी। उसने हंसते हुए कहा कि इस सवाल का जवाब देने के बदले में तुम्हें मुझसे शादी करनी पड़ेगी।
कहां नौजवान राजकुमार, और कहां वो बुढ़िया।
लेकिन सवाल जिंदगी का था, तो उसने हां कर दी। उसे तो उस सवाल का जवाब चाहिए था।
बुढ़िया ने राजकुमार से कहा कि तुम जाकर राजा से कह दो कि महिलाएं अपनी ज़िंदगी पर खुद का नियंत्रण चाहती हैं।
राजकुमार ने जाकर राजा से ये बात कह दी।
राजा ने कई लोगों से मशविरा किया और उसे लगा कि ये जवाब सही है, तो उसने राजकुमार को जीवन दान दे दिया।
बच जाने के बाद बेहद मजबूरी में राजकुमार को बुढ़िया से शादी करनी पड़ी।
इस शादी से राजकुमार बहुत दुखी था, लेकिन जो वादा किया था उसे निभाना ही था। शादी के बाद पहली रात बहुत मन मार कर राजकुमार बुढ़िया के पास गया। वहां जाकर उसने देखा कि कमरे में बहुत खूबसूरत एक लड़की बैठी है। उस लड़की को देख कर वो हैरान रह गया। उसने उससे पूछा कि वो कौन है?
लड़की ने कहा कि वो वही बुढ़िया है, लेकिन उसके पास ये शक्ति है कि वो जब चाहे 12 घंटे के लिए खूबसूरत लड़की बन सकती है। “अब तुम बताओ कि तुम किस 12 घंटों में मुझे सुंदर ल़ड़की के रूप में देखना चाहते हो? दिन के 12 घंटे या रात के 12 घंटे?”
राजकुमार बहुत दुविधा में पड़ गया। वैसे कहानी सुनते हुए संजय सिन्हा भी दुविधा में थे। राजकुमार सोच रहा था कि दिन में सारे लोग सुंदर लड़की को देख पाएंगे तो रात में उसके हिस्से बुढ़िया आएगी। अगर रात में सुंदर लड़की बने तो दिन भर लोग उस बुढ़िया को देख-देख कर क्या सोचेंगे?
अजीब उलझन थी। आखिर में राजकुमार ने कहा कि मैं तुम पर छोड़ता हूं कि तुम कब सुंदर नवयुवती दिखना चाहती हो, कब बुढ़िया?
राजकुमार के जवाब को सुन कर वो लड़की हंसने लगी। उसने कहा कि बहुत सुंदर जवाब। अब क्योंकि तुमने मुझ पर छोड़ दिया है, इसलिए मैं 24 घंटे सुंदर लड़की बनी रहूंगी, तन मन दोनों से।
संजय सिन्हा का संदेश- महिलाओं की चाहत होती है मर्जी की जिंदगी। उन्हें जीने दें। अगर किसी महिला को उसकी मर्जी से जीने की छूट दे दी जाए तो वो खूबसूरती का जादू बिखेर देगी। उसे आज़ादी दीजिए अपना फ़ैसला लेने की।
हर आदमी आजादी पसंद होता है। आदमी गरीबी में जी सकता है, लेकिन गुलामी में नहीं।
संजय सिन्हा का ज्ञान- नियंत्रण खुद पर करना होता है, दूसरे पर तो सिर्फ भरोसा करना होता है, बस।
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