Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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स्वर्ग या नरक में जाने की कुंजी

 
सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
          मन ही मनुष्य को स्वर्ग या नरक में बिठा देता है। स्वर्ग या नरक में जाने की कुंजी भगवान ने हमारे हाथ में दे रखी है। भगवान श्रीकृष्ण ने मनुष्य को अपने ही समान बनाया, पर दुर्भाग्य से इन्सान ने भगवान को अपने जैसा बना डाला। मनुष्य के सुखद जीवन के लिए मस्तिष्क में सत्यता, चेहरे पर प्रसन्नता तथा हृदय में पवित्रता जरूरी हैं।
           कष्ट और दुःख मनुष्य के जीवन में शिक्षा देने वाले श्रेष्ठ दो गुण होते हैं। किसी को बहस या बातों से जीतने के बजाय मौन रहकर ही पराजित करना चाहिए। 
           कष्ट और दुःख मनुष्य के जीवन में शिक्षा देने वाले श्रेष्ठ दो गुण होते हैं। किसी को बहस या बातों से जीतने के बजाय मौन रहकर ही पराजित करना चाहिए। अच्छी भूमिका, अच्छे लक्ष्य और अच्छे विचारों वाले लोगों को हमेशा याद किया जाता है। मन में भी शब्दों में भी और जीवन में भी। सामाजिक हितार्थ समर्पित कार्यों को सहयोग करें एवम व्यक्तिगत हितार्थ समर्पित कार्यों का बहिष्कार करें।
सुरपति दास
इस्कॉन

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