Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अविश्वास प्रेम को खंडित करता

 

सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
अविश्वास प्रेम को खंडित करता है जिससे हमारे परस्पर संबंधों की मजबूत दीवार में भी दरारें आ जाती हैं। संबधों की मजबूती के लिए परस्पर विश्वास प्रथम आवश्यक्ता है। विश्वास की ईंट जितनी मजबूत होगी हमारे संबंधों की दीवार भी उतनी ही टिकाऊ बन पायेगी। विश्वास ही संबंधों को प्रेमपूर्ण बनाता है।

जब हमारे द्वारा प्रत्येक बात का मुल्यांकन स्वयं की दृष्टि से किया जाता है तो वहाँ अविश्वास अवश्य उत्पन्न हो जाता है। यह आवश्यक नहीं कि हर बार हमारे मुल्यांकन करने का दृष्टिकोण सही हो इसलिए संबंधों की मधुरता के लिए अपने दृष्टिकोण के साथ-साथ दूसरों की भावनाओं तक पहुँचने का गुण भी हमारे भीतर अवश्य होना चाहिए।

संबध जोड़ना महत्वपूर्ण नहीं अपितु संबंध निभाना महत्वपूर्ण है। संबंधों का जुड़ना संयोग हो सकता है पर संबंधों को निभाना जीवन की एक साधना ही है।

सुरपति दास
इस्कॉन
 

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