सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
बेईमानी से, बराबर कोशिश से, चतुराई से कोई व्यक्ति धन तो प्राप्त कर सकता है, लेकिन सदाचार और उत्तम पुरुष को प्राप्त होने वाले आदर-सम्मान को प्राप्त नहीं कर सकता। बिना सदाचार वाले व्यक्ति को धन मिलने से मद (घमंड) आ जाता है।
वह अपने को सबसे बड़ा मानने लगता है और फिर उसके बोल व्यवहार में अप्रत्याशित परिवर्तन आ जाता है, उस पर धीरे धीरे पागलपन छा जाता है। धन में धतूरे से सौ गुना ज्यादा मादकता है क्योंकि धतूरे को तो खाने के बाद आदमी पर पागलपन आता है जबकि धन के केवल पा जाने पर ही वह पागल हो जाता है, उसे खाना भी नहीं पड़ता।
धन आने पर इन्सान अपनी थाह ही नहीं पाता और ऊटपटांग हरकतें करना शुरू कर देता है। बेवजह दूसरों को परेशान करना शुरू कर देता है। अतः धन आने के साथ सदाचारी होना अत्यंत आवश्यक है। केवल धन से किसी को मान सम्मान नहीं मिलता।
सुरपति दास इस्कॉन/भक्तिवेदांत हॉस्पिटल
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