सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
अंधकार के नाश के लिए दीप जलाना ही एक मात्र विकल्प है। अंधकार कितना भी गहरा क्यों न हो अथवा कितना भी पुराना क्यों न हो बस एक दीप के जलते ही उसका नाश हो जाता है। अंधकार का अपना कोई अस्तित्व ही नहीं होता बस प्रकाश के अभाव का नाम ही तो अंधकार है।
प्रकाश होते ही अंधकार स्वतः मिट जाता है। ऐसे ही हमारे जीवन में अंधकार चाहे अज्ञान का हो, अंधकार चाहे असत्य का हो अथवा अंधकार चाहे निराशा का हो सबके नाश का मात्र एक ही उपाय है, कि ज्ञान का, सत्य का और विश्वास का एक दीप जलाया जाये।
जीवन में ज्ञान होगा तो अज्ञान स्वतः नष्ट हो जायेगा, जीवन में सत्य होगा तो असत्य स्वतः चला जायेगा और जीवन में विश्वास होगा तो निराशा स्वतः मिट जायेगी।
दीपोत्सव आपके लिए शुभ एवं मंगलमय हो।
सुरपति दास
इस्कॉन/भक्तिवेदांत हॉस्पिटल
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