सुप्रभात जी।
कहानी सुनी सुनाई।
यदि आपके जीवन में सरलता एवं विनम्रता नहीं है तो ऐसा जीवन उस पके फल के समान ही है जो दिखने में लाल एवं स्वाद में नीरस होता है। जीवन बहुत कुछ उस शीतल कुँए के समान है जिसके आगे झुक जाना ही कुछ प्राप्त करने की शर्त भी है।
कुँए के सामने आप चाहे जितनी देर खड़े हो जाएँ पर झुके बिना आपकी प्यास बुझाने में समर्थ होने पर भी वह आपको तृप्त नहीं कर सकता है। जीवन के पास भी देने को बहुत कुछ है पर शर्त यही है, कि बिना झुके, सरलता एवं विनम्रता के अभाव में आपके हाथ कुछ श्रेष्ठ की प्राप्ति से वंचित ही रह जायेंगे।
झुककर चलना जीवन पथ में श्रेष्ठ लक्ष्य की प्राप्ति की अनिवार्यता है। जीवन जितना सहज रहेगा उतना ही सुंदर भी बन पायेगा। भीतर की सरलता एवं सहजतापूर्ण जीवन ईश्वर के अनुग्रह का अधिकारी बन जाता है।
सुरपति दास
इस्कॉन/भक्तिवेदांत हॉस्पिटल
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